मस्ती में मस्त मस्तमौला ब्लागर श्री शिवा जाट जी के मस्तमौला विचार । आप भी पढें - मुझे दुनियाँ ने ठुकराया । पर कृष्ण ने अपनाया । मैं हूँ एक सीधा साधा साधारण इंसान । अपने में ही मस्त होकर जीता । और बंशीवाले के गुण गाता । जिसने ये शरीर दिया । और दी भक्ति । उसी का सहारा लेता हूँ । जीवन में माँ । बाप । भाई । बहन । पति । पत्नि । बच्चे । पैसा । बंगला । गाङी सब कुछ मिलता है । पर बुरे समय में सब साथ छोङ देते हैं । लेकिन तब भी वो बंशीवाला अपनाता है । मैं सुदामा । उद्धव और अर्जुन तो नही बन सकता । लेकिन उसकी बनायी दुनिया और कृष्ण का दीवाना हूँ । बस कान्हा ही मेरी माँ । पिता । भाई । बहन । यार । दोस्त सब है । बस उसी के साथ खाता । पीता । घूमता और रहता हूँ । और उसके संदेश को उसके भक्तों तक पहुँचाने की कोशिश करता हूँ । उनकी लीलाओं का चिंतन करके उसकी मस्ती में मस्त रहता हूँ । हे बंशीवाले ! मैं चाहे भूखा रहूँ । या प्यासा । दुखी रहूँ । या खुश । कहीं भी रहूँ । बस तू सदा मेरे साथ रहना । जय श्रीकृष्ण । ब्लाग -श्रीकृष्ण शरणम गच्छामि