मैंने निशा जी के पूरे प्रोफ़ाइल को नासा की दूरबीन से छान मारा । तब जाकर उनके बारे में सिर्फ़ इतनी जानकारी मिली - मैं ऐसी हूँ । या वैसी हूँ । जो हूँ । जैसी हूँ । ऐसी ही हूँ मैं । अब आप ही ये फ़ाइनल करें कि निशा जी कैसी हैं ? खैर..आप जैसी भी हैं । हिन्दी ब्लाग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है । सुश्री निशा जी ने अपनी पहली वेदना कविता केदारनाथ विभीषिका पर लिखी है । क्योंकि ये नवोदित ब्लागर हैं । इनको उत्साहवर्धन करना और आपसे परिचित कराना मेरा फ़र्ज था । पर निशा जी इसको पढने के बाद आप अन्य ब्लागर्स को अपने बारे में अवश्य बतायें । जैसे आपकी शिक्षा स्वभाव रुचि या अन्य कोई खास बात या फ़िर कोई प्रेरणा । या फ़िर आप ऐसी वैसी कैसी भी क्यों न हो । अपनी कविता लेखों आदि के माध्यम से हिन्दी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगी । ऐसी हमारी भावनायें और शुभकामनायें आपके साथ है । इनका ब्लाग है - निशा की कवितायें । नाम पर क्लिक करें ।