01 March 2012

मौसम की चहकती हवायें - निवेदिता

आंखों के झरोखों से बाहर की दुनिया । और मन के झरोखे से अपने अंदर की दुनिया देखती हूँ । बस और कुछ नहीं इनका शुभ नाम है - निवेदिता श्रीवास्तव । और इनकी Location है lucknow  u.p. India और इनका Interests है - साहित्य । संगीत । संगति में । और इनकी Favourite Books हैं - गुनाहों के देवता । नाच्यो बहुत गोपाल । शह और मात । नेता जी कहिन । निवेदिता जी को कई तरह के शौक है । कविता से दिली जजबात बयान करने का । स्वादिष्ट उँगलियाँ चटाऊ पकवान बनाने का । और मन के अन्दर झांकने का  । देखिये इनकी एक कविता - ज़िन्दगी की थकान । अक्सर मन से । क़दमों पर उतर जाती है । तभी अचानक ही । जैसे कोई । अवचेतन को चेतन कर । सहला जाता है । ज़िन्दगी कभी भी । कुछ भी न चाहती है । न ही मांगती है । ये तो बस कुछ । श्वांसों का एहसास मांगती है । और ये भी.. इस सपनीले से । मौसम की । चहकती हवाएं । मिट्टी से नमी । चुराती..कहीं । तो फ़िर देर किस बात की । इनके ब्लाग हैं - झरोखा । जायका संकलन । निवेदिता जी के ब्लाग पर जाने हेतु नाम पर क्लिक करें

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