22 February 2011

उस एक लम्हे की तलाश में । फ़ौजिया रियाज ।P 14

लेकिन मुझे एक लम्हा तलाश नहीं करनी पङी । फ़ौजिया जी का ब्लाग खोलते ही खूबसूरत गीत पढने और  सुनने को  मिले । फ़ौजिया जी के गीत और लेख दोनों ही जबरदस्त है । देखिये वे अपने बारे में क्या कहती हैं ।..I am a Radio Jockey and in love with my work but there was something missing so i started this blog to pen down my views...and now everything seems perfect.सबके हाथों में । अपने-अपने । माज़ी के टुकड़े हैं । आज जो । दबा है हथेली में । उसका छोर । तो जाने कब से । पकडे हैं । उस एक पल । के इंतज़ार । में घंटों । खिडकियों से । झाँका । सड़क पर सड़क । पार की । वही लम्हा । जो माजी को । हथेली से । छुड़ाएगा । जो खालीपन के । खौफ से । आगे बढ़ाएगा । उस एक लम्हे की तलाश में । सब लम्हे । सफ़र पर हैं ।.. तुम्हारा प्रेमपत्र । जो कभी । पहुंचा नहीं । अपने पते पर । जो तुमने । लिख कर । कहीं कोने में । डाल दिया । BLOG..अल्फ़ाज 

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