इनका शुभ नाम है - सुनीता जोशी । और इनकी Industry है - Education और इनका Occupation है - Teaching और इनकी Location है - Delhi, India सुनीता जी ने अपने परिचय में कुछ नहीं लिखा है । परन्तु किसी का कृतित्ब ही उसका व्यक्तित्ब बताता है । खुद ही देखिये - कुंठित मन और संकुचित जीवन । अस्त व्यस्त सा है तन मन । ना कोई सुनता व्यथा ह्र्दय की । बिखरा है जीवन में गम । जीवन में थी अद्भुत आभा । लीन थे हर पल हर दम हम । किसे पता लाएगी एक दिन । आंधी पतझड का मौसम । अपनों ने ही लूटा हमको । गैरों में था कहां ये दम घर का भेदी लंका ढावे । सिद्ध हुई ये बात सनम । मधुर राग जिस कंठ से गाए । भूल चुके हम वो सरगम । वीणा सी थी झंकृत होती । सरस राग का था संगम । रोना धोना बहुत हो चुका । बहुत मनाया था मातम । कमर कसी है अब तो हमने । किस्मत पर छोडा जीवन । कश्ती है मझधार में अपनी । मांझी भी तो स्वयम है हम । बीच समंदर गहरा पानी । लहरों से है अब अनबन । और इनका ब्लाग है - आँचल । ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक करें ।
30 December 2012
सिद्ध हुई ये बात सनम - सुनीता जोशी
इनका शुभ नाम है - सुनीता जोशी । और इनकी Industry है - Education और इनका Occupation है - Teaching और इनकी Location है - Delhi, India सुनीता जी ने अपने परिचय में कुछ नहीं लिखा है । परन्तु किसी का कृतित्ब ही उसका व्यक्तित्ब बताता है । खुद ही देखिये - कुंठित मन और संकुचित जीवन । अस्त व्यस्त सा है तन मन । ना कोई सुनता व्यथा ह्र्दय की । बिखरा है जीवन में गम । जीवन में थी अद्भुत आभा । लीन थे हर पल हर दम हम । किसे पता लाएगी एक दिन । आंधी पतझड का मौसम । अपनों ने ही लूटा हमको । गैरों में था कहां ये दम घर का भेदी लंका ढावे । सिद्ध हुई ये बात सनम । मधुर राग जिस कंठ से गाए । भूल चुके हम वो सरगम । वीणा सी थी झंकृत होती । सरस राग का था संगम । रोना धोना बहुत हो चुका । बहुत मनाया था मातम । कमर कसी है अब तो हमने । किस्मत पर छोडा जीवन । कश्ती है मझधार में अपनी । मांझी भी तो स्वयम है हम । बीच समंदर गहरा पानी । लहरों से है अब अनबन । और इनका ब्लाग है - आँचल । ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक करें ।