30 December 2012

सिद्ध हुई ये बात सनम - सुनीता जोशी


इनका शुभ नाम है - सुनीता जोशी । और इनकी Industry है - Education और इनका  Occupation है - Teaching और इनकी  Location है - Delhi, India सुनीता जी ने अपने परिचय में कुछ नहीं लिखा है । परन्तु किसी का कृतित्ब ही उसका व्यक्तित्ब बताता है । खुद ही देखिये - कुंठित मन और संकुचित जीवन । अस्त व्यस्त सा है तन मन । ना कोई सुनता व्यथा ह्र्दय की । बिखरा  है जीवन  में गम । जीवन  में थी अद्भुत आभा । लीन थे हर पल हर दम  हम । किसे पता लाएगी एक दिन । आंधी पतझड का मौसम । अपनों ने ही लूटा हमको । गैरों में था कहां ये  दम घर का भेदी लंका ढावे । सिद्ध हुई ये बात सनम । मधुर राग जिस कंठ से गाए । भूल चुके हम वो सरगम । वीणा सी थी झंकृत होती । सरस राग का था  संगम । रोना धोना बहुत हो चुका । बहुत मनाया था मातम । कमर कसी है अब तो हमने । किस्मत पर छोडा जीवन । कश्ती है मझधार में अपनी । मांझी भी तो स्वयम है हम । बीच समंदर गहरा पानी । लहरों  से है अब अनबन । और इनका ब्लाग है - आँचल ।  ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक करें ।

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