22 September 2011

ये वादा न तोङ वादा न तोङ मेरी - पुनीत कुमार गर्ग

मेरठ UP भारत के रहने वाले श्री पुनीत कुमार गर्ग युवा ब्लागर हैं । और अभी ब्लागिंग में नये हैं । ऐसा भी लगता है कि - प्यार में चोट खाये हुये हैं । जो उनके इन शब्दों में - एहसास के दमन में आंसू गिराकर देखो । दोस्ती कितनी सच्ची है । आजमा कर देखो । दोस्तों को भूलकर । क्या होगी दिल की हालत । किसी आईने को ज़मीं पे गिरा के देखो ।..स्पष्ट नजर आता है । उनकी ये एक कविता अभिव्यक्ति ही उनका हाल ए दिल बताने को काफ़ी है - पल पल मैं सोचता हूँ । किसको सुनाऊँ दास्तां अपनी । कैसे उसने धोखा दिया । कैसे उसने छोड़ दिया । वादा किया साथ निभाने का । फ़िर कैसे तोड़ दिया । न  भूल पाया उसकी बेवफाई  । तो कैसे भूलूँ उसका प्यार । कर दिये दिल के टुकङे उसने । कैसे समेटूं इनको यार । किसको सुनाऊ दास्तां अपनी । कौन सुनेगा कौन रुकेगा । सुनने को मेरी कहानी । शुरू करता हूँ सुनाना तो । आँख पहले भर आती है । दिल के टूटे टुकड़ों में जब । तस्वीर उसकी दिख जाती है । दर्द की लहर दौड़ जाती है । खुली किताब है मेरी कहानी ।  जैसे समुंदर में बहता पानी । कहाँ जाऊँ किसको सुनाऊँ दास्तां अपनी । ये दुख भरी कहानी । इनके ब्लाग - पुनीत कुमार गर्ग । मेरा साथी मेरा दोस्त

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