सैर कर दुनियाँ की गाफ़िल जिंदगानी फ़िर कहाँ । जिंदगानी गर रही तो नौजवानी फ़िर कहाँ । शायद यही बात नीरज जी के दिल में उतर गयी । और उन्होंने दुनियाँ की सैर करने की ठान ली । दिलवालों की दिल्ली में रहने वाले पेशे से इंजीनियर श्री नीरज जाट जी गोल गोल घूम रही प्रथ्वी पर स्केटिंग सी करते हुये घूमते ही रहते हैं । और अपने अनुभवों से घुमक्कङी का यह महँगा शौक सस्ते में किस तरह से हो जाये । सबको बताते हैं । घूमने के शौकीनों के लिये इनके ब्लाग पर बहुत मसाला टिप्स मौजूद है । और फ़िर भी कोई दिक्कत लगे । तो इनका फ़ोन नम्बर है ही । बस आपको ट्रिन ट्रिन करने की देर है । इनका कहना है कि - घुमक्कडी जिंदाबाद ! बेशक पर्यटन एक महंगा शौक है । उस पर समय खपाऊ और खर्चीला । जबकि घुमक्कडी इसके ठीक विपरीत है । यहां पर आप देखेंगे । किस तरह कम समय और सस्ते में बेहतरीन घुमक्कडी की जा सकती है । घुमक्कडी के लिये रुपये पैसे की जरुरत नहीं है । रुपये पैसे की जरुरत है । बस के कंडक्टर को । जरुरत है । होटल वाले को । अगर यहीं पर कंजूसी दिखा दी । तो समझो घुमक्कडी सफल है । इनके ब्लाग - घुमक्कडी जिन्दाबाद । मुसाफ़िर हूँ यारो । फोन - 0 99993 99632