17 March 2011

मिल गया..खुशियों का समंदर ।निर्मला कपिला

बेबाक..खुली..स्पष्ट बात कहने और पारदर्शी टिप्पणी करने वालीं ब्लाग ग्रैंड मदर सुश्री निर्मला कपिला जी लिखतीं भी उसी बेबाकी से हैं ।..अब पंजाब जाऊँगा । तो आपकी प्रकाशित किताबें लेकर भी पढूँगा ।
( अरे तारीफ़ सुनकर फ़ोकट में दे देंगी..समझते नहीं हो यार..) खैर..आप सबको होली की बहुत बहुत शुभकामनाओं के साथ..आईये..निर्मला दादी जी के प्रवचन सुनें..अपने लिये कहने को कुछ नहीं मेरे पास । पंजाब मे एक छोटे से खूबसूरत शहर नंगल मे होश सम्भाला । तब से यहीं हूँ । बी.बी.एम.बी अस्पताल से चीफ फार्मासिस्ट रिटायर हूँ । अब लेखन को समर्पित हूँ । मेरी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । 1 " सुबह से पहले " कविता संग्रह 2 " वीरबहुटी " कहानी संग्रह 3 " प्रेमसेतु " कहानी संग्रह आजकल अपनी रूह के शहर " इस ब्लाग " पर अधिक रहती हूँ । आई थी..एक छोटी सी मुस्कान की तलाश में । मगर मिल गया .. खुशियों का समंदर । कविता । कहानी । गज़ल । मेरी मनपसंद विधायें हैं । पुस्तकें पढना और ब्लाग पर लिखना मेरा शौक है । ब्लाग..वीर बहूटी वीरांचल गाथा ।

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