23 March 2011

अब तो मान भी जा ऐ मेरे दोस्त । कृति

सोचो सोचो..ब्लाग के साथ । हमें कई महत्वपूर्ण बातों पर सोचने के लिये मजबूर करने वालीं कृति जी की जितनी भी तारीफ़ की जाय कम है । देखिये..इनकी दिल के साथ वार्ता..दिल इस बार रो पड़ा । और जोर से चिल्लाया । क्यूँ सुनता है । हर बार मेरी । क्यूँ करता है । यकीन मुझ पर ? मैं हिस्सा तो हूँ तेरा । पर नहीं रहता । कभी तेरा होकर ।  इस बार तुने । फिर मुझसे धोखा खाया । अब तो मान भी जा । ऐ मेरे दोस्त । मैं सिर्फ दिखता हूँ अपना । पर हकीकत में । मैं हूँ पराया । ( और आगे भी एक सार्थक चोट ) औलादों से अब ये ज़िम्मेदारी संभाली नहीं जाती ।चार-चार बेटों से मिलकर । अब एक माँ पाली नहीं जाती । ( और ये कृति जी के ख्यालात )  I BELIEVE ONLY ONE THING, IF YOU ARE ABLE AND DESERVING YOU WILL SURELY ACHIEVE YOUR TARGET ,  AND बस सिर्फ़ अपना काम करो । बाकी मंजिल खुद ही ढूँढ लेगी आपको । krati । Occupation । freelance journalist Location  । kanpur । U.P. । India ब्लाग..उन्मुक्त काव्यांजलि..ट्रुथ.सोचो सोचो !

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