आज एक नया ब्लाग देखा । कोई रजनी जी हैं ? हैं तो ये संगणक विज्ञान की शिक्षिका । पर इनके कम्प्यूटर में कोई ऐसा साफ़्टवेयर इंस्टाल है । जिससे ये - कविता । कहानी । गजल । शेरो शायरी सब बना लेती हैं । रजनी जी अपने परिचय में कहती हैं - हजार रश्मियों से अकेली लड़ रही मै । रजनी हूँ पर मन का अँधेरा हर रही मैं । अपने नारी मन की उलझन विषय पर बनाये नये ब्लाग के बारे में रजनी जी कुछ यूँ बताती हैं - इस ब्लॉग पर नारी से सम्बन्धित उसके विचारों को प्रस्तुत करने की आज़ादी है । जिसमे नारी की सोच विचार उसकी खुशियाँ घुटन और समाज से क्या लिया । इन सभी को अपनी रचनाओं यथा कविता । ग़ज़ल । कहानी । लेखों के जरिये लिख सकती हैं ( सकते ) हैं । नारी मन का विश्लेषण एक नारी अच्छी तरह कर सकती है । फिर भी आप जो भी लिखें । वो महिला को आहत करनेवाले रचनाएँ ना हों । ना ही भद्दे शब्दों से बंधे । जो महिला की छवि को ख़राब करते हों । आपके विचारों की प्रतीक्षा सादर - रजनी नैय्यर मल्होत्रा । इनका नया ब्लाग है - नारी बेबसी मेरे मन की उलझन । ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक करें ।