20 February 2011

हमेशा दुनिया में इन्सान बन कर जी सकूँ ।

आ गये गुरू और छा गये गुरू की तर्ज पर केवलराम जी ने ब्लागजगत में अपनी उपस्थिति दर्ज की । सभी में केवल..राम को देखने वाले केवलराम जी को चन्द दिनों में ही पूरा ब्लाग जगत जान गया । युवा मन रखने के बाद भी धर्म और दर्शन की गम्भीर सोच रखने वाले केवलराम जी ने चलते चलते थोङे समय में ही अपने सार्थक लेखन से सबके दिल में जगह बना ली । आईये देखें । केवलराम जी क्या कहते हैं..क्या बताऊँ आपको अपने बारे में । जिन्दगी में कुछ खास कहने के लिए नहीं है । बहुत सुहाना सफ़र रहा है । आज तक जिन्दगी का । पर कुछ खालीपन फिर भी महसूस होता रहा । दुनिया देखने । सोचने और समझने में अलग है । क्या कुछ नहीं दिखाई देता । हमें सुबह से शाम तक । कितना जोड़ पाते हैं । हम खुद को । उन स्थितियों और परिस्थितियों से । बस यही कुछ समझने और जानने की कोशिश रहती है कि हमेशा दुनिया में इन्सान बन कर जी सकूँ ।

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