02 March 2011

वह जीवन क्या जिसकी कोई कहानी न हो.जी एन शा


उन आँखों का हँसना भी क्या..जिन आँखों में पानी ना हो । वो जिंदगी जिंदगी नहीं जिसकी कोई कहानी ना हो । जी हाँ यही मानना है । श्री जी एन शा जी का । जो इस जीवन रूपी यात्रा में जाने कितने मुसाफ़िरों को उनकी मंजिल तक पहुँचा चुके हैं । और इसीलिये श्री शा जी जिंदगी को बेहद करीब से छूते हुये गुजरते हैं । प्रेरणादायी । परिश्रमी । भृष्टाचार रहित । समय का पाबन्द और अनुशासित होना ही उनका सिद्धांत है । इसी प्रकार की । सत्य पर आधारित..सत्य घटनायें । उनके ब्लाग्स पर मिलती है ।..मैं तो डर गया भाई । शा जी तो बहुत कङक हैं । मैं सोच रहा था । मस्का मार के..फ़्री रेल जर्नी..बट ही इज तो..करप्शन लैस मेन । एन्ड सेयस..I like discipline in all corner of life and society.Respect all good did and good people.Protest all evils.Hi please go through my all pages and enjoy.Thank u.Have a good moment..Is life more than water,air and fire ? वह जीवन..जीवन ही क्या जिसकी कोई कहानी न हो । बालाजी ओम साईंरामजी एम्प्लायमेंट ।

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