मूँछें हो तो ललित शर्मा जैसी..वरना ना हो । जब भी मैं इनको देखता हूँ । मेरा ध्यान इनके फ़ोटवा पर कम मोंछवा पर ज्यादा जाता है । अपनी संक्षिप्त चुटीली अनेकार्थी मगर सारगर्भित टिप्पणियों और यात्रा वृतांत , मिलन वृतांत आदि को बेहद रोचकता से पेश करने वाले श्री ललित शर्मा जी मिलनसारिता आदि अपने तमाम गुणों के साथ ब्लाग जगत की मूँछ ( शान ) ही हैं । अगर आपने इनका " अबाउट मी " परिचय कभी ध्यान से पढा हो । तो ये परिचय ही बहुत कुछ बयान करता है । अगर नहीं पढा । तो अब पढ लीजिये.." परिचय क्या दूँ मैं तो अपना । नेह भरी जल की बदरी हूँ । किसी पथिक की प्यास बुझाने । कुँए पर बंधी हुई गगरी हूँ । मीत बनाने जग मे आया । मानवता का सजग प्रहरी हूँ । हर द्वार खुला जिसके घर का । सबका स्वागत करती नगरी हूँ । " Occupation । शिक्षा । Location । अभनपुर । छत्तीसगढ़ । India । BLOG..ललितवाणी । अङहा के गोठ । शिल्पकार के मुख से । ललित डाट काम ।