06 October 2012

राष्ट्र धर्म से बडा कोई धर्म नहीं - विश्वजीत


सच की 1 छोटी सी चिंगारी झूठ के बडे से बडे पहाड को नष्ट कर देती हैं । यहाँ सच से सम्बन्धित पोस्ट रखी जायेंगी । अतः यह स्थान होगा सच के लिए । यदि आपके हृदय में सच की अग्नि प्रज्वलित हो रही है । और आप सच को निर्भीकता पूर्वक स्वीकार करने की शक्ति रखते हैं । जी हाँ ! इनका नाम है - विश्वजीत सिंह । विश्वजीत जी अपने Introduction में कहते हैं - राष्ट्र धर्म से बडा कोई धर्म नहीं होता । राष्ट्र मेरा धर्म । स्वाध्याय मेरी शिक्षा । और कर्म मेरी पूजा है । मैं जीवन में - सत्य । प्रेम । करूणा । शान्ति । अहिंसा । शौर्य और मानवता पसन्द करता हूँ । स्वदेशी और मातृभाषा का प्रबल समर्थक हूँ । तथा व्यक्तिगत जीवन में भी इसी विचार का अनुकरण करने का प्रयास करता हूँ । सम्प्रति - साम्प्रदायिकता एवं भृष्टाचार के उन्मूलन तथा भारतीय संस्कृति व मानवाधिकार के संरक्षण हेतु प्रगतिशील देश भक्तों के राष्ट्र व्यापी संगठन " साम्प्रदायिकता विरोधी मोर्चा " में राष्ट्रीय महा सचिव हूँ । तथा " अहिंसा सामाजिक व आध्यात्मिक आंदोलन " का संस्थापक अध्यक्ष हूँ । मेरा कार्य ही मेरा परिचय है । और इनका ब्लाग है - sach सच । नाम पर क्लिक करें

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