मैं यह मैं ही तो सारे फसाद की जड़ है । और ताज्जुब की बात देखिये कि हम शुरुआत ही मैं से करते हैं । मैं एक बहुत ही साधारण लड़की हूँ । जिसे बचपन से ही सरलता और सादगी भाती हैं । नाम में कुछ रखा है या नहीं ? ये तो नहीं जानती । पर रखने वालों ने मेरा नाम डिम्पल रखा । जो आज भी बदस्तूर जारी है । जालोर जिले की आहोर तहसील के एक छोटे से गाँव गुडा बालोतान मे मेरा जन्म । और इसी गाँव के सरकारी विद्यालय में 12th तक की पढाई । और स्नातक जालोर महाविद्यालय से किया । Acadmic record ठीकठाक रहा । 5th-जवाहर नवोदय विद्यालय चयन । 8th-ग्रामीण प्रतिभावान छात्रवृति परीक्षा चयन । 88.5% गार्गी पुरस्कार । 11th merrit । 10th-79.67% गार्गी पुरस्कार । दौलत सिंह कोठारी आशु निबंध प्रतियोगिता प्रथम स्थान । 12th-78% । राजस्थान पत्रिका PIE Award,55th Rank in RAjasthan merit list । BA -just first divison । मेरा होना आज भी न होना है । क्योंकि शायद हजारो लाखों की भीड़ में अपने चेहरे की अब तक कोई अलग पहचान नहीं बना पायी हूँ । पर उस पहचान और मेरे बीच अब ज्यादा फासला नहीं हैं । ब्लाग..दिल की जुबानी