16 January 2012

वो सुलगते हैं बरसों - उत्तमराव क्षीरसागर

इनका शुभ नाम है Uttamrao Kshirsagar और उत्तमराव जी कहते हैं - जो आग होना चाहते हैं । सुलगते हैं बरसों । यह जानकर भी । कि‍ राख हो जाऍंगे । और इनका Introduction है - मूलत:  कवि‍ तथा चि‍त्रकार । यदाकदा कथाकार व समीक्षक भी । तथा ये भी - Bragging rights अनि‍यतकालीन पत्रि‍का ' वि‍तान ' का संपादन । और इनका Occupation है - स्‍वैच्‍छि‍क लेखन व रेखांकन । और इनका Employment है - एस. एस. कालीबाडी स्‍कूल, रायपुर । और - तदर्थ अध्‍यापन, 1997 - 2005 कार्य भी किया । और इनकी Education है - डॉ. हरीसिंह गौर वि‍श्‍ववि‍द्यालय, सागर । एम.ए.( हिंदी साहि‍त्‍य ) 1994 । पं. रवि‍शंकर शुक्‍ल वि‍श्‍ववि‍द्यालय, रायपुर । एम.ए. ( भाषावि‍ज्ञान )  1997 ।
डि‍ग्री कॉलेज  बालाघाट । 1990 - 1994 । उरक्षी ब्लाग इनकी चित्रकारिता को प्रदर्शित करता है । तो आप भी अवलोकन करें । उत्तमराव जी के ब्लाग का । और अपनी अमूल्य राय अवश्य दें । इनके ब्लाग है - उत्तमराव क्षीरसागर रूह के तारों पे शम्श उरक्षी । ब्लाग पर जाने हेतु क्लिक करें ।

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